Out There or In Here
वहाँ बाहर या यहाँ:
एक बार एक रबी गली में कुछ ढूंढ़ रहा था। उसका एक पड़ोसी वहां से गुजरा, जब उसने देखा कि रबी कुछ ढूंढ रहा है। वह रुक गया और उससे पूछा कि क्या हुआ।
रबी ने उत्तर दिया, "मैंने अपनी चाबी खो दी है.."
पड़ोसी उसके साथ चाबियां तलाशने लगा। जल्द ही दो और पड़ोसी उनके साथ हो गए लेकिन किसी को चाबी नहीं मिली।
अंत में एक पड़ोसी ने पूछा, "तुमने इसे कहाँ गिराया?"
रबी ने उत्तर दिया, "ओह, मैंने यहाँ अपनी चाबी नहीं खोई है।" फिर उसने अपने घर की ओर इशारा किया और कहा, "मैंने इसे अपने घर में खो दिया है।"
हर कोई हैरान और हतप्रभ था। उन्होंने आदरपूर्वक पूछा, "अगर तुमने इसे वहाँ खो दिया तो आप इसे यहाँ गली में क्यों ढूंढ रहे हैं?"
रबी ने उत्तर दिया, "ऐसा इसलिए है क्योंकि मेरे घर की रोशनी कम है, लेकिन यहाँ स्ट्रीट लाइट के नीचे बहुत चमकीला है.. !!"
पड़ोसी उसके जवाब पर हंसने के अलावा कुछ नहीं कर सका।
Just then Rabi smiled and said, “Friends, It is clear that you all are intelligent.
Then why do you lose peace of your mind, perhaps because of a failed relationship or job? You look for what was lost out there and not in here?”
Rabi pointed towards neighbors chest and said, “Why you get sad? You lose your joy out there or in here??
You avoid looking inside you because light is dimmer and therefore more inconvenient?”
Neighbors understood what Rabi wanted to teach them.